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मोटापे के बारे में दिलचस्प तथ्य: वजन घटाने की यात्रा से पहले जानें

मोटापा कब कहा जाता है? जब बी एम् आई (BMI) का स्तर जरूरत से ज़्यादा होता है। जिस स्तर के ऊपर मोटापे के दुष्प्रभाव शरीर पर पड़ने लगे।
1. यूरोपीय मूल के लोगों की तुलना में, भारतीय मूल की लोगो को मोटापे से होने वाले स्वास्थय सम्बन्धी खतरे कम बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) के स्तर पे ही दिखने लगते हैं।
इसलिए, मोटापे के लिए बीएमआई की सीमा उनके लिए कम रखी गयी है।
• ओवरवेट (ज्यादा वजन) के लिए BMI का कटऑफ: BMI ≥23 kg/m2 लेकिन <25 kg/m2 (पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए)
• मोटापे के लिए BMI का कटऑफ: बीएमआई ≥ 25 kg/m2 (पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए)
कमर का मोटापा (Abdominal Obesity): पुरुषों के लिए कमर का नाप (WC) ≥ 90 सेंटीमीटर और महिलाओं के लिए ≥ 80 सेंटीमीटर
अपनी कमर को मापने के लिए निम्नलिखित तरीका अपनाएँ:
1. सर्वप्रथम अपनी पसलियों का सबसे निचला पॉइंट ढूंढें।
2. उसके बाद अपनी कमर की हड्डी का सबसे ऊँचा पॉइंट ढूंढें
3. इन दोनों पॉइंट्स की बीच का लेवल पर निशान लगा दें।
4. इसी लेवल पर इंची टेप से नापें।
5. ध्यान रहे कि यह टेप खिचने वाली ना हो।
6. टेप पर हल्का ज़ोर रखें , परन्तु पेट में ज़्यादा ना गढ़े।
7. स्वाभाविक रूप से सांस छोड़ें और माप लें।
8. सुनिश्चित होने के लिए एक बार फिर से माप ले लें।
किसी भी प्रकार का मोटापा (सामान्य या कमर या दोनों) स्वास्थय की लिए हानिकारक होते हैं।

2. शरीर में अतिरिक्त चर्बी कई बुरे प्रभाव डालती है, जैसे:
• डायबिटीज
• उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन)
• ख़राब लिपिड प्रोफाइल
• शरीर में सूजन
• स्ट्रोक का जोखिम
• जोड़ों का दर्द
• नींद में खराबी
• फैटी लिवर
• इसके अलावा, मोटापा कुछ कैंसरों के जैसे कोलोरेक्टल, एंडोमेट्रियल, गैलब्लैडर, इसोफागियल कैंसर के लिए खतरा बढ़ाता है
यदि आप मोटापा कम करने कि राह शुरू करने वाले हैं तो निम्नलिखित तथ्य आपकी इस यात्रा में मददगार होंगे।

3. मोटापा एक बीमारी है।
यह वास्तव में एक लंबित बीमारी है, लेकिन इसका उपचार संभव है। इस बीमारी की मुख्य कारण हैं:
• अस्वस्थ जीवनशैली और ऐसा सामाजिक वातावरण जो कि मोटापे को बढ़ाता है।
• शरीर का जीवविज्ञान: भोजन लेना कई हार्मोन और केमिकल्स के द्वारा नियंत्रित किया जाता है।

4. मोटापा होना आपकी गलती नहीं है।
आजकल का वातावरण ही ऐसा है कि कोई भी यदि सावधान न हो तो मोटा हो ही जायेगा।
इसलिए,
• समाज आपके मोटापे के लिए समान रूप से जिम्मेदार है।
• आपके प्रिय एवं परिवार जनों की भी जिम्मेदारी है कि वे आपकी इस यात्रा में आपका साथ दें।
• अकेले ही प्रयास करने से बेहतर है कि इस समस्या की शिकार दूसरे लोगों का समूह बना कर, सामूहिक प्रयास करें।
*जो व्यक्ति मोटापे का मजाक उड़ाते हैं, उन्हें यह ब्लॉग पढ़ा दीजिये और उनकी ज़िम्मेदारी का एहसास करा दीजिये।

5. आपका वजन घटेगा भी और बीच-बीच में वापस से बढ़ भी जायेगा। इस से निराश न हों।
आपका वजन घटेगा भी और बीच बीच में वापस से बढ़ भी जायेगा। इस से निराश न हों।
वजन दोबारा बढ़ जाना सामान्य और उम्मीद के मुताबिक है। इसके लिए तैयार रहें और हौसला न टूटने दें!
इसका कारण इच्छाशक्ति में कमी या प्रेरणा में कमी नहीं होता है।
शरीर में पिछले वजन को प्राप्त करने के लिए तंत्र स्थापित है।
• जब जब वजन घटता है तो शरीर ऐसे हॉर्मोन निर्मित करता है जिससे भयंकर भूख लगे
• वजन घटाने से शरीर ऊर्जा संरक्षण करने लगता है और पहले के मुक़ाबले कम कैलोरी खर्च करता है।
ये तंत्र पिछली कई शताब्दियों से विकसित हुए हैं, जब अकाल पड़ा करते थे। आज के समय में खाद्य की कमी बहुत ही दुर्लभ होती है बल्कि, बहुत अधिक कैलोरी वाला भोजन स्वस्थ भोजन की तुलना में कहींअधिक आसानी उपलब्ध है ।
प्रत्येक वजन घटाने का चक्र कुछ स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता ही है। इसलिए दोबारा शुरू करने से घबराएं नहीं।

6. शुरुआत में आसान लक्ष्य ही बनायें। इन लक्ष्यों की एक समय सीमा भी निर्धारित कर दें । यह सीमा आप अपने अनुसार तय कर सकते हैं ।
पहला लक्ष्य वजन कम करने कि जगह स्वस्थ जीवनशैली विकसित करने हो तो ज़्यादा सफल होगा।
स्वस्थ जीवनशैली मतलब:
• स्वस्थ भोजन का चयन
• रोजमर्रा की जीवन में शारीरिक गतिविधि बढ़ाना
इस प्रकार की दिनचर्या हमें वजन कम करने में मदद तो करेगी ही, बाद में भी कम वजन बनाये रखने में कामगार साबित होगी।
व्यायाम भूख कम करने वाले हॉर्मोन बढ़ाता है और भूख बढ़ाने वाले हॉर्मोन घटाता है। इसके अलावा व्यायाम से मांसपेशियां बढ़ती हैं और यह ज्यादा कैलोरी इस्तेमाल करती है, बावजूद इसके कि शरीर कैलोरी बचाने की कोशिश कर रहा होता है।
पहला लक्ष्य - जीवनशैली में ज्यादा से ज्यादा शारीरिक गतिविधि बढ़ाना।
अगला लक्ष्य - 5% वजन घटाना (तीन महीनों में), इससे ज्यादा नहीं। इस लक्ष्य को प्राप्त करना बहुत मुश्किल नहीं होगा और आपका हौसला भी बना रहेगा।
• इसके अलावा, यह देखा गया है कि केवल 5-10% वजन कम होने से भी स्वास्थ्य पर अच्छा असर दिखने लगता है।
• 5-10% वज़न कम करने से रक्तचाप कम होने, खून में शुगर कम होने और कैंसर के खतरे कम होने की संभावना शुरू हो जाती है।

छोटे और एक तय समय सीमा के अंदर पाने वाले लक्ष्यों कुछ के उदाहरण::
• 2 हफ्ते के भीतर : गार्डन जिम तक पैदल चलकर पहुंचने और प्रतिदिन 25 राउंड शोल्डर बिल्डर व्हील करने का लक्ष्य: पूरा करना।
• लाइफस्टाइल से रक्त शुगर को नियंत्रित करना और आगामी 6 महीनों में डायबिटीज दवाओं को कम से कम करने का लक्ष्य
• रोजाना भोजन की डायरी बनाने का लक्ष्य: जिसमें ईमानदारी से हर भोजन की एंट्री करने का रुटीन स्थापित करना।

स्वस्थ जीवनशैली (व्यायाम और स्वस्थ खाने के व्यवहार) रोज़मर्रा की जिंदगी का एक अभिन्न हिस्सा बन जाना चाहिए।
वजन घटाने के समय के लिए ही नहीं, बल्कि हमेशा के लिए
आख़िर में यह आवश्यक है कि आप पूरी तरह से स्वस्थ जीवनशैली की ओर जाएं। यही वह चीज है जो लंबे समय तक काम करती है।
• इसे न करने की स्थिति में, वज़न पुनः बढ़ जायेगा, जो निराशाजनक हो सकता है और प्रयासों को त्यागने का कारण बन सकता है।
• यदि मनचाहे वजन तक नहीं भी पहुंचे, तो भी यह स्वस्थ्य जीवनशैली मोटापे के हानिकारक प्रभावों को एक बड़ी हद तक कम कर देती है।
व्यायाम के लाभ जानिए।
6. हर महीने एक फोटो खींचें: अपनी प्रगति देख कर आपका हौसला बना रहेगा और यही सबसे महत्वपूर्ण है ।

7. यदि मोटापे की शुरुआत बचपन और युवावस्था से होती है, तो इसे घटाना बहुत मुश्किल हो सकता है।
• इस बात को ध्यान में रखें और संघर्षपूर्ण यात्रा के लिए प्रतिबद्ध रहें।
• मोटे व्यक्ति को दोष देना बहुत गलत है। यह ध्यान रखना बहुत आवश्यक है की मोटापा आपकी गलती नहीं है आस पास के लोगों को भी यह बात याद रखनी चाहिए।
• अंततः लक्ष्य है कि केवल स्वस्थ खाने और जीवनशैली व्यवहार स्थापित करना है।
लेकिन शुरुआत में सभी जीवनशैली परिवर्तन क्षेत्रों को लक्ष्य बनाना अक्लमंदी नहीं होगी। व्यक्ति के अनुसार एक क्षेत्र को एक समय में चुनें; जिसे व्यक्ति को सुविधाजनक महसूस हो। उसके बाद धीरे-धीरे अन्य क्षेत्रों की ओर बढ़ें, व्यक्ति से सलाह लेते हुए, समय लगाते हुए।

8. सर्वश्रेष्ठ उपाय तो एक ही है और वह है, स्वस्थ्य जीवनशैली। लेकिन कुछ लोगों के लिए यह एक बहुत लम्बा संघर्ष हो सकता है। इन लोगों में, फार्माकोथेरेपी (दवा) और/या ऑपरेशन (बेरिएट्रिक सर्जरी) तब तक के लिए अतिरिक्त लाभ प्रदान कर सकते हैं।
बहुत कठिन मामलों में दवाएँ/बेरिएट्रिक सर्जरी मदद कर सकती हैं।
ध्यान रखें, हर दवा/सर्जरी के कुछ साइड इफेक्ट्स होते हैं।
दवा और/या सर्जरी का चयन प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग-अलग किया जाना चाहिए, उनकी विशेष चिकित्सा स्थिति और संभावित नकारात्मक प्रभावों को ध्यान में रखकर।
उचित दवा और/या सर्जरी को व्यक्ति के अनुसार अनुकूल बनाना आवश्यक है, उसके बिमारियों और मेडिकल स्थिति के आधार पर और दवा या सर्जरी के संभावित साइड इफेक्ट्स को ध्यान में रखकर।
इलाज की प्रभावकारिता और सहनशीलता व्यक्ति से व्यक्ति तक भिन्न हो सकती है।
सबसे महत्वपूर्ण बात:
• ये दवाएँ बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए अनुशंसित नहीं हैं।
• दवाएँ वजन कम करने में मदद कर सकती हैं लेकिन समय बीतने पर उनकी गति धीमी हो सकती है।
• समय के साथ वजन फिर से बढ़ सकता है या फिर जब दवा बंद कर दी जाती है
इसलिए, जब 10% वजन कम हो जाए, तो वजन बनाए रखने के लिए पर्याप्त व्यायाम रूटीन विकसित करने के लिए कदम उठाएं।
केवल दवाएँ और सर्जरी अपने आप में स्थाई रूप से वज़न कम नहीं रख सकते। पर्याप्त व्यायाम वाली स्वस्थ्य जीवनशैली स्थापित करना बहुत ज़रूरी है। अन्यथा शुरुआत में हुआ वजन वापस आ सकता है।

स्वस्थ्य जीवनशैली सम्बंधित कुछ सलाह: https://ihatepsm.com/blog/%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%B8%E0%A5%8D%...
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Some Lifestyle advice: https://ihatepsm.com/blog/some-lifestyle-advice
Smart Facts about Obesity – Must Know before Beginning the Weight Loss Journey: https://ihatepsm.com/blog/smart-facts-about-obesity-%E2%80%93-must-know-...

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